मोहन भागवत जीवनी – Biography of Mohan Bhagwat in Hindi
RSS
जैसे मैंने कहा मैंने RSS का पूरा इतिहास कवर कर दिया है अलग से, लेकिन क्योँकि हम Mohan Bhagwat की बात कर रहे है तोह RSS से जुडी कुछ जानकारी होना इस आर्टिकल मैं ज़रूरी है ताकि लोगो को समझने मैं आसानी हो.
RSS की स्थापना २७ सितम्बर १९२५ में Keshav Hedgewar ने की थी, V.R.Savarkar से यह काफी प्रभावित हो गए थे जब उनसे मिले थे और इन्होने यह तय कर लिया था की में एक ऐसा आर्गेनाईजेशन बनाऊंगा जिससे हम हिंदुत्व को देखेगा और उसका प्रचार करेंगे.
तोह आर्गेनाईजेशन तोह बन गया लेकिन उससे चलाना और आगे भड़ाना यह भी ज़रूरी था, तोह जैसे जैसे वक़्त बिता RSS आर्गेनाईजेशन आगे भड़ती गयी, एक बात में आपको बता दू वैसे पहले जब कोई RSS का प्रचारक बनना चाह्ता था तोह उससे कहा जाता था की पहले आप साधू बनो फिर आप RSS में आओ.
१९४० M.S.Golwarker के नेतृत्व में RSS आगे भड़ा, दोस्तों RSS को ४ बार बैंड किया गया है, एक बार ब्रिटिश राज में और आज़ादी के बाद ३ बार, १९४७ Mahatma Gandhi की हत्या की थी Nathuram Godse ने तब RSS को बैंड कर दिया गया था तोह तब इन पर बैंड लगाया था Vallabhabhai Patel ने लेकिन फिर बैंड हटा लिया गया था.
और RSS ने Hitler और Mussolini की विचारधार की तारीफ़ की थी उस वक़्त, और शुरू में जब RSS की स्थापना की गयी थी तब RSS भारत के संविधान को नहीं माना था , और इन्होने हमारे तिरंगे को भी नकार दिया था इनका कहना था की एक अलग ध्वज होना चाहिए भारत का और उसका रंग भगवा हो. तोह देखा जाए तोह RSS चाह्ती है की भारत को हम हिन्दू राष्ट्र बनाये.
Who is Mohan Bhagwat
Mohan Bhagwat इस वक़्त RSS के मुख्या है. संघ चालाक है संघ को चलाते है, तोह ३६ आर्गेनाईजेशन है जो संघ के अंदर आती है मतलब संघ से निकली है इन् ३६ आर्गेनाईजेशन में नियम और कानून चलता है RSS का.
बहुत सारे हाल के बीजेपी के जो नेता है वह संघ से ही निकले है, Atal Bihari Vajpayee RSS मैं थे, Narendra Modi तोह बहुत काम उम्र मैं है RSS से जुड़ गए थे, तोह कहना का मतलब यह है की जितने भी प्रसिद्ध नेता जो है बीजेपी के वह RSS से निकले है.
Mohan Bhagwat की अगर बात की जाए तोह यह RSS की परम्पराओ मैं हलका सा बदलाव लाये है, जैसे पहले क्या था की सिर्फ भारतीय परंपरा हम बहार का कुछ नहीं लेंगे Mohan Bhagwat यहाँ बदलाव लाये है और Mohan Bhagwat कहते है की वक़्त के साथ बदलो.
वैसे यह काफी लौ प्रोफाइल रहे है, बहुत काम भाषण देते है, बहुत काम इंटरव्यू देते है ज़्यादा प्रसिद्धि में आना इन्हे पसंद नहीं.
Mohan Bhagwat Early Life
११ सितम्बर १९५० महाराष्ट्र के सांगली डिस्ट्रिक्ट के छोटे से गाँव चंद्रपुर में इनका जनम हुआ था, शुरूआती पढ़ाई इनकी महाराष्ट्र मैं ही हुई, इनके ४ भाई बहन है और यह सब से बड़े है.
इनके जो पिताजी है Madhukar Rao Bhagwat और इनकी माताजी Malati दोनों ही RSS मैं थे, तोह ज़ाहिर सी बात है जब मांबाप RSS मैं है तोह बेटा भी RSS मैं जायगा ही.
तोह इनके पिताजी संघ प्रचारक थे और इनकी माताजी Women’s Wing के लिए काम करती थी, Mohan Bhagwat बहुत जल्द ही अपनी पढ़ाई पूरी कर के एक फुल टाइम प्रचारक बन गए.
पढाई बहुत की है Mohan Bhagwat ने, Veterinary Sciences मैं इनका ग्रेजुएशन है और Doctor of Science है इसकी डिग्री है इनके पास, पशु चिकित्सक है यह, लेकिन यह तोह RSS मैं जाना चाहते थे, इनकी जैसे पढ़ाई ख़तम हुई RSS से जुड़ गए १९७५ मैं यह RSS से जुड़े.
Join RSS
१९७५ मैं इमरजेंसी लगाईं गयी थी तोह आप सोचिये RSS के प्रचारकों का क्या हाल हुआ होगा, जैसे मैंने Narendra Modi की बायोग्राफी मैं कहा था की मोदीजी को भेस बदल कर बहार निकलना पड़ रहा था इमरजेंसी के दौरान.
१९७७ मैं जब एमरजेंसी हटाई गयी इसके बाद Mohan Bhagwat ने ज़ोरो से RSS का प्रचार किया, महाराष्ट्र और बिहार इन दो क्षेत्रों का प्रभारी इन्हे बनाया गया था.
इन्हे एक बहुत ही महत्वपूर्ण पद दिया गया था “अखिल भारतीय शारीरक प्रमुख” मतलब शारीरक व्यायाम, देखीय दोस्तों RSS के बहुत सारी साखा है, और यह साखा सुबह रहती है ५ बजे, तोह लोग इस साखा मैं जाते है यूनिफार्म पहन कर तोह यहाँ पर लोगो को कुछ एक्सरसाइज सिखाई जाती है उनसे करवाई जाती है और साथ ही साथ मेन्टल ट्रेनिंग भी दी जाती है और हिंदुत्व के बारे मैं बताया जाता है.
और एक बात मैं आप से कहना चाहूंगा की कोई ऐसे ही प्रमुख नहीं बन जाता, Mohan Bhagwat ने अपने आपको सिद्ध किया था, तोह १९९१ से लेकर १९९९ तक यह अखिल भारतीय शारीरिक प्रमुख रहे.
अब मैं आपको थोड़ा पीछे ले चलता हु, १९८४ में चुनाव हुए थे बीजेपी को २ सीटे आयी थी, अब थोड़ा और पीछे जाते है १९७७ मैं जनता पार्टी आयी थी जनता पार्टी से बीजेपी हठ गयी, तोह यहाँ पर RSS की पूरी बैकिंग थी.
तोह जब बीजेपी ने चुनाव लड़ा तोह सिर्फ २ सीटे मिली, २ सीटों से आज अगर हम देखे तोह ३३४ का आकड़ा छुआ है इस मैं RSS का बहुत बड़ा हाथ है, कहा जाता है की मोदीजी का नाम RSS ने ही आगे रख्खा.
२००९ मैं Mohan Bhagwat को संचालक बनाया गया था तब इन्होने L.K. Adavani से कह दिया था की यह आपका आखरी चुनाव है इसके बाद अगर आप सरकार नहीं बना पाते तोह आप हठ जाइएगा.
और जब Narendra Modi का नाम आगे किया गया तब सब कुछ बदल गया, बीजेपी पावर मैं आ गयी, RSS का बहुत बड़ा हाथ है और खासकर के Mohan Bhagwat बहुत दिमाग से सोचते है दोस्तों यह.
२००० से २००४ तक अंदरूनी सियासत काफी हुई, २००४ मैं बीजेपी चुनाव हार गयी, और २००० मैं जब H.V. Sheshadri ने यह बोला की हम RSS के मुख्या पद से इश्तिफा देंगे तोह यहाँ पर नया मुख्या बनाया गया K.S. Sudarshan को और जनरल सेक्रेटरी बनाया गया Mohan Bhagwat को.
जनरल सेक्रेटरी दूसरा बड़ा पद है RSS मैं, इसके बाद अगर आपका प्रमोशन होता है तोह आप सीधा मुख्या बनेंगे, तोह २००० मैं Mohan Bhagwat को RSS का जनरल सेक्रेटरी नियुक्त किया गया.
और २१ मार्च २००९ को सरसंघसंचालक बनाया गया Mohan Bhagwat को. बीजेपी २००९ मैं चुनाव हार गयी थी, ३६ आर्गेनाईजेशन मैं बीजेपी सब से प्रमुख है, बीजेपी और कांग्रेस भारत की यही दो सब से बड़ी पार्टी है.
तोह २००४ मैं बीजेपी चुनाव हार गयी थी और Atal Bihari Vajpaaye ने संन्यास ले लिया पॉलिटिक्स से, तोह L.K. Adavani का नाम आगे किया गया २००९ मैं लेकिन २००९ मैं भी बीजेपी हार गयी. तोह २००९ मैं जब Mohan Bhagwat ने पूरा कार्यभार संभाला तब इन्होने साफ़ कर दिया की मेरी जो विचारधारा है वह थोड़ा हठ के है.
Mohan Bhagwat जैसे ही मुख्या बने RSS के उन्होंने काफी बदलाव लाये, उन्होंने सखाओ के टाइम बदले, ड्रेस कोड बदला, फिर सोशल मीडिया को माध्यम बना कर उससे काफी अच्छे से इश्तेमाल किया, उसके बाद बीजेपी मैं कुछ बदलाव लाये Narendra Modi का नाम आगे किया, बहुत सारे युवा नेता को आगे लाये Nitin Gadkari को भी आगे लाये और जब इनको आगे किया गया था तब इनकी उम्र ज़्यादा नहीं थी.
विचारधार की बात की जाए तोह Mohan Bhagwat का कहना है की हम अनेकता मैं एकता देखते है, हर किसी का यहाँ पर स्वागत है चाहे वह किसी भी धर्म का हो.
बैरहाल इनको काफी व्यहवारिक नेता बोला जाता है, और हर चीज़ को सोच समझकर फैसला करते है, तोह अभी तक Mohan Bhagwat एक्टिव है, जो भी फैसले होते है चाहे वह RSS मैं हो या BJP मैं Mohan Bhagwat का हाथ उस मैं ज़रूर होता है.
तोह दोस्तों यह थी Mohan Bhagwat in Hindi, आशा करता हु आपको पसंद आयी होगी.